छोटी उम्र में ही इस नौजवान ने लगाए 100 से ज्यादा जंगल I Grow forest anywhere I Shubhendu Sharma
मिले एक इंजीनियर शुभेंदु शर्मा से जो 25 शहरों और पांच देशों में खाली भूमि से 77 प्राकृतिक सूक्ष्म-वन बना चूका है । इनकी संस्था Afforestt मियावाकी तकनीक का उपयोग करती है, जो परंपरागत लोगों की तुलना में 10 गुना अधिक बढ़ने वाले जंगलों को बनाते हैं, 30 गुना घने होते हैं और 100 गुणा अधिक जैव-विविध होते हैं। म्यावाकी प्रक्रिया प्राकृतिक विकास को समृद्ध करती है, समृद्ध मृदा, घने वृक्षारोपण के साथ और पेड़ों की मूल प्रजातियों का उपयोग करती है। आप खेतीबाड़ी से जुड़े अपने सभी सवाल हमसे पूछ सकते हैं, केवल अपनी खेती एप्प पर। इसके लिए डाउनलोड करें अपनी खेती एप्प और पाएं सही जानकारी सही समय पर। एप्प डाउनलोड करने के लिए क्लिक करें: एंड्राइड : https://play.google.com/store/apps/de… आईफोन : https://appsto.re/in/jWH9ib.i और वीडियो : जीरो बजट प्राकृतिक खेती देखनी है तो यह किसान का फार्म जरूर देखे I Zero Budget Natural Farming : https://www.youtube.com/watch?v=J7iv9…
युवा जल संरक्षण समिति ऐसे शिक्षित युवाओं का समूह है जिसने अपने क्षेत्र में गिरते भू जल स्तर की कमी से जूझते हुए लोगों को देख कर न सिर्फ भू जल संरक्षण की प्रतिज्ञा ली है बल्कि हरहाल में लोगों को जल के संरक्षण के प्रति जागरूक करने, जल का अनावश्यक दोहन न करने व भविष्य में जल संकट के कारण आने वाली चुनौतियां से लोगो को अवगत कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है। युवा जल संरक्षण समिति शहर की एक_एक गली में घूम लोगों को जल के महत्व के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है। समिति के युवा अब तक विभिन्न कॉलोनियों में जाकर भू जल का अनावश्यक दोहन करने वाले हजारों लोगों को जल के महत्व के प्रति जागरूक कर चुके हैं तथा सैकड़ों की संख्या में खुले पानी के कनेक्शन पर संबंधित अधिकारी की मदद से टोंटिया लगा कर लाखों लीटर पानी की बरबादी को रोक चुके हैं।
समिति की शुरुआत से पहले समिति के ही कुछ युवाओं ने आपस में मिलकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने की पहल की। धीरे धीरे शहर के युवाओं व अन्य लोगों का जल संरक्षण के प्रति जुड़ाव को देखते हुए इस समिति का गठन करने का निर्णय लिया गया जिसमें आज सैकड़ों की संख्या में लोग घर घर जाकर लोगों का जागरूक करने का काम कर रहे हैं।समिति का मुख्य उद्देश्य जल का अनावश्यक दोहन रोकना, लोगों तक जल संरक्षण के उपाय पहुंचाना, जल का सदुपयोग करना, खाली व सूखे पड़े तालाबों, जलाशयों, नालों आदि को पुनः जल संग्रह हेतु उपयोग में लाना, घरों से निकलने वाले पानी को नदी नालों में न बहाकर पुनः रिसाइकिल कर उपयोग में लाना, बरसात के पानी को वॉटर हार्वेस्टिंग आदि के माध्यम से गिरते भू जल स्तर को बढ़ाना आदि हैं।
जल जीवन का आधार है। जल न हो तो हमारे जीवन का आधार ही समाप्त हो जाये। दैनिक जीवन के कई कार्य बिना जल के सम्भव नहीं हैं। लेकिन धीरे-धीरे धरती पर जल की कमी होती जा रही है। साथ ही जो भी जल उपलब्ध है वह भी काफी हद तक प्रदूषित है। जिसका इस्तेमाल खाने-पीने एवं फसलों में कर लोग गंभीर बीमारियों से परेशान हैं। धरती पर जीवन बचाये रखने के लिए हमें इसके बचाव की ओर ध्यान देना पड़ेगा। हमें जल को व्यर्थ उपयोग नहीं करना चाहिये और उसे प्रदूषित होने से भी बचाना चाहिये।